THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR हिंदी कहानियां

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हिंदी कहानी सुनाओ

जब सालों से परदेश गये पति उनके सामने खड़े थे वो रोते हुए उनसे लिपट गईं.

एक बार श्यामपट पर उन्होंने रेखा खीचकर विद्यार्थियों से पूछा कि – क्या इस रेखा को बिना मिटाए कोई छोटी कर सकता हैं?

उनका नाम हैं श्रीकृष्ण. कृष्ण की सुदामा के साथ मित्रता प्रसिद्ध हैं. हिन्दी में कवि नरोत्तम दास ने   इस पर एक खंड काव्य की रचना भी की हैं.

कहानी वो विधा हैं, जो कई बार ऐसा ज्ञान भेट कर जाती हैं. जो लोगों को सालों के अनुभव के बाद भी प्राप्त नही होता हैं.

उसकी कद्र करे और अपने जीवन में उसका अमल करे.

आपका आहार तो एक जीव से पूर्ण हो जाता हैं.

यदि आपको बच्चों को मोरल शिक्षा देने वाली ये कहानियां पसंद आई हो तो अपने फ्रेड्स के साथ भी शेयर करें.

बच्चों को मोरल शिक्षा देने वाली इन कहानियों से बहुत कुछ सबक सीखने को मिलेगा. उम्मीद करते है आपको ये आर्टिकल पसंद आएगा.

उन्दरे ने तीनों चीजे बिल के द्वार पर लाकर रख दी. खेत का मालिक ख़ुशी से बावला हो गया.

तो वह बोला इन देशो में ज्ञान की कोई कीमत नही हैं, हर कोई पैसे के पीछे पड़ा रहता हैं.

वह मनीषा के पास पहुची और उसका हाथ पकड लिया. शीला उसे खीचकर किनारे ले आई. वह थक कर गिर पड़ी.

अगले दिन से सभी शिष्य अपने अपने काम में जुट गये. हर दिन कोई न कोई न कोई शिष्य अलग अलग तरह की वस्तुएं चुरा कर ला रहा था और गुरूजी को दे रहा था.

वहां खाने के लिए कुछ भुने चने भी दिए. श्रीकृष्ण लकड़ी काटते रहे और सुदामा पोटली खोलकर चने चबाते रहे. जब श्रीकृष्ण लकड़ी काटकर आए तब तक सारे चने समाप्त हो चुके थे.

जब वे सब वहां एकत्रित हुए तो उस समय यह मंत्रीराजा पलंग पर महल के विशाल एवं सज्जित कक्ष में लेटे हुए थे.

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